बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में, दीवाली के त्योहार के आस-पास एक अद्भुत और रहस्यमयी घटना घटित होती थी। गाँव के बाहरी इलाके में एक पुरानी और सुनसान सी पटाखों की दुकान थी, जो वर्षों से बंद पड़ी थी। उस दुकान को लोग “भूतिया पटाखे वाला” के नाम से जानते थे। लोगों का कहना था कि उस दुकान में एक भूत रहता था, जो रात के समय पटाखे बेचने आता था।
गाँव के बच्चे उस दुकान के पास जाने से डरते थे, और बड़े बुजुर्ग भी उस दुकान के बारे में बात करने से कतराते थे। लेकिन एक दिन, गाँव के एक साहसी युवक, जिसका नाम रवि था, ने फैसला किया कि वह इस रहस्य को सुलझाएगा। रवि ने अपने दोस्तों को भी इस साहसी कार्य में शामिल होने के लिए मनाया।
रात के समय, जब पूरा गाँव सो रहा था, रवि और उसके दोस्त उस दुकान के पास पहुंचे। दुकान के बाहर एक हल्की, भयानक रोशनी दिखाई दी। रवि ने धीरे-धीरे दुकान का दरवाजा खोला और अंदर झांका। अंदर का दृश्य देखकर वह हक्का-बक्का रह गया। दुकान के भीतर एक आदमी, सफेद कपड़ों में लिपटा हुआ, पटाखों की गिनती कर रहा था। उसकी आँखें लाल और चेहरा उदासी से भरा हुआ था।
रवि ने साहस जुटाकर पूछा, “तुम कौन हो? और यहाँ क्या कर रहे हो?”
आदमी ने अपनी उदास और भयानक आँखों से रवि की ओर देखा और कहा, “मेरा नाम रामू है। मैं इस गाँव का ही था। वर्षों पहले, मैं यहाँ पटाखों की दुकान चलाता था। लेकिन एक दिन, दीवाली के दिन, एक भयानक आग लगी और मेरी मृत्यु हो गई। मेरी आत्मा यहाँ अटकी रह गई और मैं आज भी रात के समय पटाखे बेचने आता हूँ।”
रामू की आवाज में एक अजीब सी सिहरन थी, जिससे रवि और उसके दोस्तों की रूह कांप गई। रवि और उसके दोस्तों को रामू की कहानी सुनकर बहुत दुख हुआ। उन्होंने सोचा कि कैसे रामू की आत्मा को मुक्ति दिलाई जाए। उन्होंने गाँव के बुजुर्गों से इस बारे में बात की। बुजुर्गों ने बताया कि रामू की आत्मा को मुक्ति दिलाने के लिए एक विशेष पूजा की आवश्यकता है।
रवि और उसके दोस्त उस पूजा की तैयारी में जुट गए। उन्होंने गाँव के पुजारी से सलाह ली और सारी आवश्यक सामग्रियों का इंतजाम किया। पूजा के दिन, पूरी गाँव ने मिलकर पूजा की और रामू की आत्मा के लिए प्रार्थना की। पूजा के दौरान, हवा में एक अजीब सी ठंडक छा गई और एक भयानक आवाज गूँजने लगी। लेकिन जैसे-जैसे पूजा आगे बढ़ी, रामू की आत्मा धीरे-धीरे शांत होने लगी।
पूजा के बाद, रामू की आत्मा ने रवि और उसके दोस्तों को धन्यवाद कहा और फिर वह धीरे-धीरे हवा में विलीन हो गई। इस घटना के बाद, गाँव की दुकान फिर से खुल गई और गाँव के लोग वहां से पटाखे खरीदने लगे। रवि और उसके दोस्तों ने रामू की याद में उस दुकान का नाम “रामू पटाखे भंडार” रख दिया। अब वह दुकान गाँव के सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक बन गई और लोग वहां आकर रामू की कहानी सुनते थे।
लेकिन यह सब खत्म नहीं हुआ। कुछ ही महीनों बाद, गाँव में एक और भयानक घटना घटित हुई। एक रात, जब रवि और उसके दोस्त दुकान के पास जा रहे थे, उन्होंने एक भयानक आवाज सुनी। जब वे वहां पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि दुकान के पास एक धुंधली आकृति, पटाखों की चमक में प्रकट हो रही थी। वह रामू का पुराना साथी था, जो वर्षों पहले उसी आग में मारा गया था।
उस आत्मा ने दर्द भरी आवाज में कहा, “मैं शांति चाहता हूँ। मुझे यहाँ से मुक्त करो।” गाँव वालों ने और अधिक जोश और श्रद्धा के साथ प्रार्थनाएँ जारी रखीं। धीरे-धीरे, उस आत्मा की मुस्कान लौट आई और अंततः शांति पा लिया।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जब हम एकजुट होकर काम करते हैं, तो हम किसी भी भयानक रहस्य को सुलझा सकते हैं और आत्माओं को शांति दिला सकते हैं। रवि और उसके दोस्तों ने मिलकर गाँव को भूतों से मुक्त किया और गाँव में एक नई पहचान दिलाई।