गाँव के एक कोने में, जहाँ हर कोई अपनी जिंदगी की भागदौड़ में व्यस्त था, वहाँ एक पुरानी आइसक्रीम की दुकान थी, जिसका नाम था “Ice Cream Ka Bhoot”। यह दुकान गाँव के सबसे व्यस्त चौराहे पर स्थित थी, लेकिन इसके बारे में कई अजीब कहानियाँ थीं। लोग कहते थे कि जो भी रात में वहाँ आइसक्रीम खाता, उसे अजीब अनुभव होते थे। कई बच्चे कहते थे कि दुकान के पीछे एक भूत रहता है, जो आइसक्रीम बनाने में मदद करता है।
गर्मियों का मौसम आते ही, गाँव के बच्चे हमेशा उस दुकान के पास खेलने जाते थे। लेकिन जब भी रात का समय आता, वे वहाँ जाने से डरते थे। एक दिन, गाँव के चार दोस्त—नीना, समीर, रीमा, और राजू—ने तय किया कि वे इस रहस्य का पता लगाएंगे। उन्होंने सोचा कि अगर वे “Ice Cream Ka Bhoot” खाएँगे, तो उन्हें पता चलेगा कि क्या सच में वहाँ कुछ भूतिया है।
गर्मी की एक शाम, जब सूरज ढलने लगा, चारों दोस्त दुकान की ओर बढ़े। दुकान के मालिक, एक वृद्ध आदमी, ने उन्हें देखा और मुस्कुराते हुए कहा, “क्या लेना चाहोगे?” नीना ने कहा, “हमें Ice Cream Ka Bhoot चाहिए।” वृद्ध ने एक अजीब सी मुस्कान के साथ उन्हें आइसक्रीम दी। जैसे ही उन्होंने आइसक्रीम का पहला कौर लिया, अचानक दुकान के पीछे से एक हल्की सी आवाज आई, “बचो, मैं Ice Cream Ka Bhoot हूँ!”
चारों बच्चे चौंक गए और एक-दूसरे की ओर देखने लगे। राजू ने हिम्मत जुटाते हुए पूछा, “तुम कौन हो?” आइसक्रीम का भूत, जो अब धुंधला दिखाई दे रहा था, बोला, “मैं एक बार एक प्रसिद्ध आइसक्रीम विक्रेता था। लेकिन एक दिन, मेरी आइसक्रीम इतनी स्वादिष्ट हो गई कि मैं उसे साझा नहीं कर सका। इसी वजह से मेरी आत्मा इस दुकान में बंधक बन गई।”
समीर ने कहा, “हम तुम्हारी मदद करेंगे। हमें बताओ कि हमें क्या करना होगा।” भूत ने उनकी ओर देखते हुए कहा, “आपको मेरी आइसक्रीम में जादुई सामग्री मिलानी होगी, जिससे मैं मुक्त हो सकूँ।” उसने उन्हें बताया कि वह सामग्री गाँव के पास के पुराने तालाब में छिपी हुई है।
बच्चों ने तय किया कि वे अगली सुबह उस सामग्री की खोज करेंगे। सुबह होते ही, वे तालाब की ओर बढ़े। तालाब के किनारे, उन्होंने एक चमकदार पत्थर देखा। जब उन्होंने उसे उठाया, तो अचानक तालाब की सतह पर हलचल होने लगी और एक जादुई रोशनी चारों ओर फैल गई।
आइसक्रीम का भूत | Ice Cream Ka Bhoot
बच्चों ने उस पत्थर को लेकर दुकान पर लौटने का निश्चय किया। जब वे दुकान पर पहुँचे, तो उन्होंने Ice Cream Ka Bhoot बनाने में मदद की। जैसे ही उन्होंने जादुई सामग्री मिलाई, आइसक्रीम में एक अद्भुत खुशबू फैल गई। उन्होंने जैसे ही उस आइसक्रीम का पहला कौर लिया, भूत की आत्मा धीरे-धीरे प्रकट हुई।
भूत ने कहा, “आपने मुझे मुक्त कर दिया है। धन्यवाद! अब मैं शांति से जा सकता हूँ।” बच्चों ने खुशी से एक-दूसरे को देखा और समझ गए कि उन्होंने न केवल एक रहस्य सुलझाया, बल्कि एक अद्भुत अनुभव भी साझा किया।
उस रात के बाद, गाँव के बच्चे “Ice Cream Ka Bhoot” से नहीं डरते थे। वे जानते थे कि अब यह आइसक्रीम केवल एक स्वादिष्ट मिठाई नहीं थी, बल्कि एक अद्भुत कहानी का हिस्सा थी। और इस तरह, आइसक्रीम का भूत अब गाँव के बच्चों की यादों में हमेशा के लिए जिंदा रहा।
अब गाँव के बच्चे अक्सर उस दुकान पर जाते थे और आइसक्रीम का आनंद लेते थे। वे उस भूत की कहानी सुनाते थे और उसकी आत्मा को सम्मान देते थे। “Ice Cream Ka Bhoot” अब उनकी ज़िंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया था।