एक छोटे से गाँव में, जहाँ हर किसी की जिंदगी सादा और सरल थी, वहाँ एक अनोखा ठेला था, जिसका नाम था “भूतिया वड़ा पाव”। यह ठेला गाँव के मुख्य चौराहे पर लगता था और वहाँ का वड़ा पाव इतना प्रसिद्ध था कि लोग दूर-दूर से खाने आते थे। लेकिन, इस ठेले के बारे में एक अजीब सी बात थी—कहा जाता था कि जो भी रात में वहाँ वड़ा पाव खाता, उसे अजीब-अजीब अनुभव होते थे।
गाँव के लोग इस ठेले से काफी डरते थे, लेकिन एक दिन, तीन दोस्त—राजू, सुमित, और प्रिया—ने ठान लिया कि वे इस रहस्य का पता लगाएंगे। उन्होंने तय किया कि वे रात को भूतिया वड़ा पाव खाने जाएंगे। जैसे ही रात का अंधेरा छाने लगा, तीनों दोस्त ठेले की ओर बढ़े। ठेले पर एक बूढ़ा आदमी बैठा हुआ था, जिसने एक अजीब सी मुस्कान के साथ उन्हें देखा।
“क्या लेंगे?” बूढ़े आदमी ने पूछा। राजू ने हिम्मत जुटाई और कहा, “हमें भूतिया वड़ा पाव देना।” बूढ़ा आदमी मुस्कुराया और तुरंत उन्हें वड़ा पाव परोसा। वड़ा पाव देखने में साधारण था, लेकिन उसकी खुशबू ने सभी का मन मोह लिया। जैसे ही उन्होंने पहला कौर लिया, अचानक वड़ा पाव से एक अजीब आवाज आई, “Bhootiya vada pav, help me!”
सुमित और प्रिया घबरा गए, लेकिन राजू ने कहा, “शायद यह सिर्फ हमारी कल्पना है।” लेकिन जैसे-जैसे उन्होंने वड़ा पाव खाया, उन्हें महसूस हुआ कि वहाँ कुछ अजीब हो रहा है। अचानक, उन्हें एक धुंधली आकृति दिखाई दी, जो ठेले के पीछे से प्रकट हुई। वह एक महिला थी, जिसकी आँखें चमक रही थीं, और उसने कहा, “मैं इस ठेले की आत्मा हूँ।”
उसने बताया कि वह वर्षों पहले इस गाँव में एक प्रसिद्ध वड़ा पाव बेचने वाली थी, लेकिन एक रात एक हादसे में उसकी मृत्यु हो गई। उसकी आत्मा इस ठेले पर बसी हुई है, और उसे अपने वड़ा पाव के प्रति अपार प्रेम है। “मैं चाहती हूँ कि लोग मेरे वड़ा पाव का आनंद लें, लेकिन मुझे शांति नहीं मिल रही है,” उसने कहा।
राजू ने सहानुभूति से कहा, “हम आपकी मदद करेंगे। आप हमें बताइए कि हमें क्या करना होगा।” महिला ने कहा, “आपको मेरे वड़ा पाव में एक खास सामग्री मिलानी होगी, जिससे मेरी आत्मा को शांति मिलेगी।” उसने उन्हें एक पुरानी किताब दी, जिसमें उस सामग्री का विवरण था।
तीनों दोस्तों ने तय किया कि वे अगले दिन उस सामग्री की खोज करेंगे। उन्होंने गाँव के चारों ओर खोजबीन की, और अंत में एक प्राचीन पेड़ के नीचे वह सामग्री मिली। वे खुशी-खुशी वापस ठेले पर पहुँचे और महिला के बताए अनुसार वड़ा पाव बनाने लगे।
जैसे ही उन्होंने वड़ा पाव बनाया, ठेले के चारों ओर एक अद्भुत रोशनी फैल गई। जब उन्होंने उसे खाने के लिए तैयार किया, तो उन्होंने देखा कि महिला की आकृति धीरे-धीरे धुंधली होती जा रही थी। “धन्यवाद, मेरे प्यारे दोस्तों,” उसने कहा। “अब मैं शांति से जा सकती हूँ।”
उस रात के बाद, गाँव के लोग भूतिया वड़ा पाव के बारे में नहीं डरते थे। वे जानते थे कि अब वह वड़ा पाव सिर्फ एक स्वादिष्ट स्नैक नहीं था, बल्कि एक आत्मा की कहानी भी थी। गाँव में हर कोई उस ठेले पर जाने लगा, और वड़ा पाव की महक पूरे गाँव में फैलने लगी।
इस घटना के बाद, “भूतिया वड़ा पाव” अब गाँव के सबसे प्रसिद्ध व्यंजनों में से एक बन गया। लोग अब न केवल उसके स्वाद का आनंद लेते थे, बल्कि उसकी कहानी भी सुनाते थे। और इस तरह, एक साधारण वड़ा पाव ने एक अद्भुत कहानी को जन्म दिया, जो गाँव के लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगी।