बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव के पास एक पुराना और सुनसान चिड़ियाघर था, जिसे लोग “भूतिया चिड़ियाघर” के नाम से जानते थे। यह चिड़ियाघर वर्षों से बंद पड़ा था और गाँव वालों का मानना था कि इस चिड़ियाघर में जानवरों की आत्माएं भटकती हैं जो रात के समय लोगों को डराती हैं। चिड़ियाघर के पास जाने की हिम्मत कोई नहीं करता था, क्योंकि वहां से अक्सर अजीब-अजीब आवाजें आती थीं।
गाँव के बच्चे उस चिड़ियाघर के पास जाने से डरते थे, और बड़े बुजुर्ग भी उस चिड़ियाघर के बारे में बात करने से कतराते थे। लेकिन एक दिन, गाँव के एक साहसी युवक, जिसका नाम रोहित था, ने फैसला किया कि वह इस रहस्य को सुलझाएगा। रोहित ने अपने दोस्तों को भी इस साहसी कार्य में शामिल होने के लिए मनाया।
रात के समय, जब पूरा गाँव सो रहा था, रोहित और उसके दोस्त उस चिड़ियाघर के पास पहुंचे। चिड़ियाघर के बाहर एक हल्की, रहस्यमयी रोशनी दिखाई दी। रोहित ने धीरे-धीरे चिड़ियाघर का दरवाजा खोला और अंदर झांका। अंदर का दृश्य देखकर वह हक्का-बक्का रह गया। चिड़ियाघर के भीतर भूतिया जानवर घूम रहे थे। उनकी आँखें लाल और चेहरे पर भयानक क्रोध था। शेर, हाथी, बंदर, और अन्य जानवरों की आत्माएं वहां भटक रही थीं।
रोहित ने साहस जुटाकर पूछा, “तुम सब कौन हो? और यहाँ क्या कर रहे हो?”
शेर की आत्मा ने अपनी लाल, भयानक आँखों से रोहित की ओर देखा और कहा, “हम सभी इस चिड़ियाघर के जानवर थे। वर्षों पहले, इस चिड़ियाघर के मालिक ने हमें भूखा रखा और हमारी उचित देखभाल नहीं की। अंततः हम सभी की मृत्यु हो गई। हमारी आत्माएं यहाँ अटकी रह गईं और हम अब अपने साथ हुए अन्याय का बदला ले रहे हैं।”
शेर की आवाज में एक अजीब सी सिहरन थी, जिससे रोहित और उसके दोस्तों की रूह कांप गई। रोहित और उसके दोस्तों को जानवरों की कहानी सुनकर बहुत दुख हुआ। उन्होंने सोचा कि कैसे जानवरों की आत्माओं को शांति दिलाई जाए। उन्होंने गाँव के बुजुर्गों से इस बारे में बात की। बुजुर्गों ने बताया कि इन आत्माओं को मुक्ति दिलाने के लिए एक विशेष पूजा की आवश्यकता है।
रोहित और उसके दोस्त उस पूजा की तैयारी में जुट गए। उन्होंने गाँव के पुजारी से सलाह ली और सारी आवश्यक सामग्रियों का इंतजाम किया। पूजा के दिन, पूरी गाँव ने मिलकर पूजा की और जानवरों की आत्माओं के लिए प्रार्थना की। पूजा के दौरान, हवा में एक अजीब सी ठंडक छा गई और एक भयानक आवाज गूँजने लगी। लेकिन जैसे-जैसे पूजा आगे बढ़ी, जानवरों की आत्माएं धीरे-धीरे शांत होने लगीं।
पूजा के बाद, जानवरों की आत्माओं ने रोहित और उसके दोस्तों को धन्यवाद कहा और फिर वे धीरे-धीरे हवा में विलीन हो गईं। इस घटना के बाद, चिड़ियाघर का स्थान फिर से शांत हो गया और गाँव वालों का डर खत्म हो गया। रोहित और उसके दोस्तों ने मिलकर उस जगह को साफ किया और उसे एक स्मारक के रूप में संरक्षित किया।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जब हम एकजुट होकर काम करते हैं, तो हम किसी भी रहस्य को सुलझा सकते हैं और आत्माओं को शांति दिला सकते हैं। रोहित और उसके दोस्तों ने मिलकर गाँव को भूतिया चिड़ियाघर के डर से मुक्त किया और गाँव में एक नई पहचान दिलाई।