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भूत का डान्स | Bhoot ka dance | Bhoot ki kahani

बहुत समय पहले, एक घने जंगल के बीच बसे छोटे से गाँव में एक पुरानी और सुनसान हवेली थी, जिसे लोग “भूत बंगला” कहते थे। यह हवेली दशकों से बंद पड़ी थी और रात के समय वहां से अजीब-अजीब आवाजें आती थीं। गाँव वालों का मानना था कि आधी रात को भूतिया आकृतियाँ वहां निकलती हैं और एक भयानक नृत्य करती हैं, जिसे लोग “भूत का डान्स” कहते थे।

गाँव के बच्चे उस हवेली के पास जाने से डरते थे, और बड़े बुजुर्ग अक्सर उन भयानक कहानियों का जिक्र करते थे ताकि बच्चे वहां ना जाएं। लेकिन एक दिन, गाँव के एक बहादुर लड़के, जिसका नाम अर्जुन था, ने फैसला किया कि वह इन भूतिया कहानियों की सच्चाई का पता लगाएगा। उसने अपने दोस्तों को भी इस साहसी कार्य में शामिल होने के लिए मनाया।

एक रात, जब चाँद पूरा था और पूरा गाँव सो रहा था, अर्जुन और उसके दोस्त उस भूतिया हवेली की ओर बढ़े। जैसे ही वे हवेली के पास पहुंचे, उन्हें अंदर से हल्की, रहस्यमयी रोशनी दिखाई दी। अर्जुन ने धीरे-धीरे हवेली का दरवाजा खोला और अंदर झांका। अंदर का दृश्य देखकर वे दंग रह गए। हवेली के भीतर, सफेद कपड़ों में लिपटी भूतिया आकृतियाँ चाँदनी की रोशनी में सुंदर और भयानक नृत्य कर रही थीं। उनके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे और उनकी आँखें अंधेरे में चमक रही थीं।

अर्जुन ने हिम्मत जुटाकर पूछा, “तुम कौन हो? और यहाँ क्यों नृत्य कर रहे हो?”

उन भूतिया आकृतियों में से एक ने अपनी चमकती आँखों से अर्जुन की ओर देखा और कहा, “हम इस हवेली के पुराने निवासी हैं। वर्षों पहले, इस हवेली के मालिक ने हमें यहाँ कैद कर दिया और हमारी आत्माओं को मुक्त नहीं होने दिया। इस नृत्य के माध्यम से हम अपनी दुखभरी कहानी कहने की कोशिश कर रहे हैं।”

उनकी आवाज में एक अजीब सी सिहरन थी, जिससे अर्जुन और उसके दोस्तों की रूह कांप गई। अर्जुन और उसके दोस्तों को उनकी कहानी सुनकर बहुत दुख हुआ। उन्होंने सोचा कि कैसे इन आत्माओं को शांति दिलाई जाए। उन्होंने गाँव के बुजुर्गों से इस बारे में बात की। बुजुर्गों ने बताया कि इन आत्माओं को मुक्ति दिलाने के लिए एक विशेष पूजा की आवश्यकता है।

अर्जुन और उसके दोस्त उस पूजा की तैयारी में जुट गए। उन्होंने गाँव के पुजारी से सलाह ली और सारी आवश्यक सामग्रियों का इंतजाम किया। पूजा के दिन, पूरी गाँव ने मिलकर पूजा की और उन आत्माओं के लिए प्रार्थना की। पूजा के दौरान, हवा में एक अजीब सी ठंडक छा गई और एक भयानक आवाज गूँजने लगी। लेकिन जैसे-जैसे पूजा आगे बढ़ी, आत्माएं धीरे-धीरे शांत होने लगीं।

पूजा के बाद, आत्माओं ने अर्जुन और उसके दोस्तों को धन्यवाद कहा और फिर वे धीरे-धीरे हवा में विलीन हो गईं। इस घटना के बाद, गाँव वालों का डर खत्म हो गया और उन्होंने हवेली को साफ किया और उसे एक स्मारक के रूप में संरक्षित किया।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जब हम एकजुट होकर काम करते हैं, तो हम किसी भी रहस्य को सुलझा सकते हैं और आत्माओं को शांति दिला सकते हैं। अर्जुन और उसके दोस्तों ने मिलकर गाँव को भूत के डांस के डर से मुक्त किया और गाँव में एक नई पहचान दिलाई।

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