Bhutiya Ghar

भूत का बर्फीला घर | Bhoot Ka Barfila Ghar

Bhoot Ka Barfila Ghar

भूत का बर्फीला घर

बहुत समय पहले, पहाड़ों से घिरे एक दूरस्थ गाँव में एक पुराना घर था जिसे “भूत का बर्फीला घर” कहा जाता था। यह घर हमेशा बर्फ और बर्फीली हवाओं से ढका रहता था। गाँव के लोग मानते थे कि यह घर भूतिया है और वहाँ रात के समय अजीबोगरीब आवाजें आती थीं। कोई भी इस घर के पास जाने की हिम्मत नहीं करता था, खासकर जब सूरज ढल जाता था, क्योंकि उस समय ठंड और भी बढ़ जाती थी और एक अजीब सी धुंध घर को घेर लेती थी।

गाँव में राज नाम का एक युवक रहता था। राज बहुत ही साहसी और निडर था। उसे भूत-प्रेत की कहानियों पर विश्वास नहीं था और वह इस डर से छुटकारा पाना चाहता था जो गाँव वालों को जकड़े हुए था। एक दिन, उसने ठान लिया कि वह इस भूतिया घर के रहस्य को सुलझाकर रहेगा। उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर रात के समय उस घर में जाने का निश्चय किया।

रात का समय था, चारों तरफ घना अंधेरा था और बर्फीली हवाएँ चल रही थीं। राज और उसके दोस्त धीरे-धीरे उस घर के पास पहुँचे। जैसे ही वे दरवाजे के पास पहुँचे, एक ठंडी हवा का झोंका उन्हें सहमा गया। लेकिन राज ने हिम्मत नहीं हारी और दरवाजे को खोल दिया। अंदर का दृश्य बहुत ही डरावना था। दीवारों पर बर्फ की मोटी परत जमी हुई थी और पुराने फर्नीचर हर जगह फैले हुए थे। कुछ फर्नीचर तो पूरी तरह से टूट चुके थे और बाकी बर्फ में ढँके हुए थे।

जैसे ही वे सब घर के अंदर गए, अचानक एक तेज आवाज आई, “कौन है वहाँ?” सबकी साँसें थम गईं। राज ने साहस जुटाकर आवाज दी, “हम गाँव के लोग हैं, और हम जानना चाहते हैं कि इस घर में क्या हो रहा है।” उसी क्षण, एक साया उनके सामने प्रकट हुआ। वह साया एक बूढ़े आदमी का था जिसकी आँखें लाल थीं और चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान थी।

राज ने हिम्मत दिखाते हुए पूछा, “आप कौन हैं और यहाँ क्या कर रहे हैं?” बूढ़े आदमी ने जवाब दिया, “मैं इस घर का मालिक हूँ और मेरी आत्मा यहाँ भटक रही है क्योंकि मैं अपने कर्तव्य को पूरा नहीं कर सका। मेरी आत्मा को शांति नहीं मिल रही है।”

राज ने उस आत्मा से पूछा, “हम आपकी कैसे मदद कर सकते हैं?” बूढ़े आदमी ने कहा, “मेरी आत्मा तभी मुक्त हो सकती है जब इस घर के सभी रहस्यों का पर्दाफाश हो और मेरे परिवार के सभी सदस्यों के आत्माओं को शांति मिले। उनके अंतिम संस्कार सही तरीके से नहीं हो पाए थे।”

राज और उसके दोस्तों ने मिलकर घर के सभी रहस्यों को सुलझाने का निश्चय किया। उन्होंने गाँव के बुजुर्गों से सलाह ली और सभी आत्माओं का विधिवत अंतिम संस्कार किया। धीरे-धीरे, घर की अजीब आवाजें बंद हो गईं और बूढ़े आदमी की आत्मा को शांति मिल गई।

आज भी गाँव के लोग राज और उसके दोस्तों की बहादुरी की कहानियाँ सुनाते हैं। घर अब पुराना जरूर है, लेकिन अब वहाँ कोई भूत नहीं है। यह कहानी हमें सिखाती है कि साहस और एकता से हम किसी भी समस्या का समाधान कर सकते हैं। भूत का बर्फीला घर की यह कहानी गाँव में हमेशा के लिए यादगार बन गई और राज की बहादुरी की मिसाल बन गई।

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