Jungle ka Bhoot

बरसात की वो अंधेरी रात | Barsat Ki Vo Andheri Raat | Bhoot Ki Kahani

Barsat Ki Vo Andheri Raat

बरसात की वो अंधेरी रात की कहानी

बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में एक पुरानी हवेली थी। इस हवेली को लोग “भूतिया हवेली” कहते थे, क्योंकि वहाँ पर अजीब-अजीब घटनाएँ होती रहती थीं। कहते हैं कि बरसात की अंधेरी रातों में, इस हवेली से अजीब किस्म की आवाजें आती थीं और किसी ने हवेली की खिड़कियों में एक साया भी देखा था।

गाँव में एक युवक था जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन बहुत ही साहसी और निडर था। उसने कभी भूत-प्रेत की कहानियों पर विश्वास नहीं किया था। एक दिन, जब गाँव के लोग फिर से हवेली की डरावनी कहानियाँ सुना रहे थे, तो अर्जुन ने ठान लिया कि वह इस रहस्य का पर्दाफाश करेगा। उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर बरसात की अंधेरी रात में हवेली में जाने का निश्चय किया।

उस रात, जब बारिश तेज हो रही थी और बिजली चमक रही थी, अर्जुन और उसके दोस्त हवेली के पास पहुँचे। हवेली का दृश्य बहुत ही डरावना था। तेज बारिश और बिजली की चमक में हवेली और भी भयानक लग रही थी। अर्जुन ने हिम्मत दिखाते हुए हवेली का दरवाजा खोला। अंदर का दृश्य बहुत ही डरावना था। दीवारों पर धूल और जाले जमे हुए थे और पुराने फर्नीचर हर जगह फैले हुए थे।

जैसे ही वे सब हवेली के अंदर गए, अचानक एक तेज आवाज आई, “कौन है वहाँ?” सबकी साँसें थम गईं। अर्जुन ने साहस जुटाकर आवाज दी, “हम गाँव के लोग हैं, और हम जानना चाहते हैं कि इस हवेली में क्या हो रहा है।” उसी क्षण, एक साया उनके सामने प्रकट हुआ। वह साया एक बूढ़ी औरत का था जिसकी आँखें लाल थीं और चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान थी।

अर्जुन ने हिम्मत दिखाते हुए पूछा, “आप कौन हैं और यहाँ क्या कर रही हैं?” बूढ़ी औरत ने जवाब दिया, “मैं इस हवेली की मालकिन थी और मेरी आत्मा यहाँ भटक रही है क्योंकि मुझे धोखे से मारा गया था। मेरी आत्मा को शांति नहीं मिल रही है।”

अर्जुन ने उस आत्मा से पूछा, “हम आपकी कैसे मदद कर सकते हैं?” बूढ़ी औरत ने कहा, “मेरी आत्मा तभी मुक्त हो सकती है जब मेरे हत्यारे का पर्दाफाश हो और मुझे न्याय मिले।”

अर्जुन और उसके दोस्तों ने मिलकर इस रहस्य को सुलझाने का निश्चय किया। उन्होंने गाँव के बुजुर्गों से सलाह ली और हवेली के पुराने दस्तावेज़ों की जाँच की। धीरे-धीरे, उन्हें पता चला कि बूढ़ी औरत की हत्या उसके ही एक विश्वासघाती सेवक ने की थी, जो अब गाँव का प्रभावशाली व्यक्ति बन चुका था।

उन्होंने सबूत जुटाए और गाँव के सभी लोगों को इकट्ठा किया। जब उन्होंने सबके सामने सच का पर्दाफाश किया, तो बूढ़ी औरत की आत्मा को शांति मिल गई और हवेली की अजीब आवाजें बंद हो गईं। उस विश्वासघाती सेवक को सजा मिली और गाँव में शांति लौट आई।

आज भी गाँव के लोग अर्जुन और उसके दोस्तों की बहादुरी की कहानियाँ सुनाते हैं। हवेली अब पुरानी जरूर है, लेकिन अब वहाँ कोई भूत नहीं है। यह कहानी हमें सिखाती है कि सत्य और न्याय के लिए खड़ा होना चाहिए, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों। बरसात की वो अंधेरी रात की यह कहानी गाँव में हमेशा के लिए यादगार बन गई और अर्जुन की बहादुरी की मिसाल बन गई।

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